हरित संघवाद (Green Federalism)
भारत में देश के सभी क्षेत्रों के आर्थिक विकास पर बल दिया गया और वर्तमान समय में आर्थिक विकास के साथ-साथ पर्यावरण के संरक्षण का मुद्दा भी महत्वपूर्ण बन गया है। राज्यों में होने वाले निवेश के लिए पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति लेनी पड़ती है और राज्यों में होने वाले कई निवेशों पर स्थानीय समुदायों के द्वारा पर्यावरण के नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया जाता रहा है। वर्तमान समय में संघ एवं राज्यों के बीच पर्यावरण के मुद्दे पर अनेक विवाद भी उत्पन्न हो रहे हैं और राज्यों का आरोप है कि पर्यावरणीय मानकों के बहाने संघ सरकार राज्यों में निवेश को हतोत्साहित कर रही है। विशेषकर वे राज्य जहां संघ सरकार से संबंधित दल शासन में नहीं हैं। वर्तमान समय में पर्यावरण के मुद्दे पर समन्वय एवं सहयोग की आवश्यकता है, क्योंकि पर्यावरण का संरक्षण संघ एवं राज्यों का साझा दायित्व है। यह उल्लेखनीय है कि भारतीय संविधान में सहकारी संघवाद का प्रावधान है।