सिंधु घाटी सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता का आर्थिक जीवन
1. कृषि:- प्रमुखतः गेहूँ तथा जौ की खेती की जाती थी। सूती वस्त्रों के अवशेषों से ज्ञात होता है कि सैंधव निवासी (सिंधु सभ्यता के निवासी) कपास की खेती भी किया करते थे। यहीं के निवासियों ने विश्व में सर्वप्रथम कपास की खेती प्रारम्भ की थी।इस सभ्यता के किसान अपनी आवश्यकता से अधिक अनाज का उत्पादन करते थे। इसलिए नगर में अनाज के भण्डारण के लिए अन्नागार बनाये गए थे जहाँ खाद्य पदार्थों को सुरक्षित रखा जाता था।
2.पशुपालन:- कृषि के साथ बहुतायत साथ पशुपालन भी में किया जाता था। बैल, गाय, भैंस, भेड़, बकरी, सूअर, कुत्ते, खरगोश, हिरन और कूबड़दार वृषभ आदि पशुओं को पाला जाता था। कूबड़दार वृषभ का मुहरों पर अंकन बहुतायत में मिलता है। बैल तथा भैसें का उपयोग बैलगाड़ी और भैसागाड़ी में यातायात के लिए जाता था। इसी के माध्यम से सिंधु सभ्तया के लोग एक जगह से दूसरी जगह तक यातायात किया करते थे। सैंधव निवासी घोड़े से परिचित थे इसके साक्ष्य सुरकोटड़ा, लोथल और रंगपुर से प्राप्त हुए हैं। सुरकोटड़ा से अश्व – अस्थि (घोड़े की हड्डियाँ) तथा लोथल और रंगपुर से अश्व की मृणमूर्तियां (टेरेकोटा की बनी घोड़े की मुर्तियाँ) प्राप्त हुई हैं।