लॉन के रख-रखाव की क्रियाविधि का वर्णन कीजिए
लॉन का रख रखाव लॉन लगाने के बाद लॉन का रख रखाव अत्यधिक महत्त्वपूर्ण होता है। सामान्यतः हम निम्न सिद्धान्तों के द्वारा रख रखाव कर सकते हैं।
1. सिंचाई:– लॉन की घास के लिए पानी प्राणस्वरूप होता है। लॉन को सुन्दर एवं हराभरा बनाये रखने के लिए नियमित रूप से सिंचाई करनी चाहिए। ग्रीष्मकाल में 4-7 दिन के अन्तर में आवश्यकतानुसार सिंचाई करनी चाहिए।
लॉन की सिंचाई की कई विधियाँ अपना सकते हैं। सबसे सरल विधि है कि लॉन को नाली में से पानी खोलकर भर देते हैं। द्वितीय विधि रबर के पाइप लॉन में डाल देते हैं। जिनका सम्बन्ध टैपवाटर से होता है।
2. खरपतवार निकालना:- लॉन में दूसरे पौधे नहीं उगने देना चाहिए क्योंकि इनसे लॉन खराब हो. जाता है। तथा ये लॉन की घास की वृद्धि को रोकते हैं। खेत की तैयारी के समय खरपतवारों को नष्ट कर देना चाहिए कान लगाने के बाद कुछ खरपतवार उग आते हैं जैसे मोथा, कोस, दूधी तथा आक्जेलिस इन्हें तुरन्त ही नष्ट कर देना चाहिए। खरपतवार को नष्ट करने के लिए खरपतवार नाशकों का प्रयोग करना चाहिए।
3. खाद एवं उर्वरक:- लॉन के लिए भूमि की तैयारी के समय कार्बनिक खाद अधिक मात्रा में मिलाना चाहिए। साधारणतः 1 से 1ऋ टन गोबर की सड़ी गली खाद प्राति 1000 वर्ग फीट डाल देते हैं।
4. कटाई:- लॉन को सुन्दर बनाने के लिए घास की कटाई आवश्यक होती है। घास की 10-15 सेमी ऊँचाई हो जाने पर प्रथम कटाई की जानी चाहिए। घास की 10-15 सेमी. ऊँचाई हो जाने पर काटना चाहिए। हम इसके लिए निम्नलिखित विधियों का प्रयोग करना करते हैं।
1.हाथ के द्वारा कटाई।
2.बैल के द्वारा कटाई।
3.बिजली के द्वारा कटाई।