राष्ट्रपति को प्राप्त विशेषाधिकार
भारतीय संविधान का मूल आधार विधि के समक्ष समानता है, जिसका अभिप्राय है कि किसी व्यक्ति की पद और प्रतिष्ठा कुछ भी क्यों न हो, उस पर समान विधि लागू होगी, परंतु राष्ट्रपति और राज्यपाल को विधि के समक्ष समानता से छूट दी गयी है, (अनुच्छेद- 361 ) । राष्ट्रपति अपनी शक्तियों और कार्यालय के कर्त्तव्यों का निष्पादन करते रहने के लिए किसी भी न्यायालय के प्रति उत्तरदायी नहीं होंगे तथा उनके पद पर रहने के दौरान उनके विरुद्ध किसी भी प्रकार की आपराधिक कार्यवाही आरंभ नहीं की जाएगी और न ही इसे बनाया रखा जाएगा। राष्ट्रपति को अपने कार्यकाल के दौरान किसी भी न्यायपालिका के द्वारा हिरासत में रखने अथवा जेल में रखने का आदेश भी नहीं दिया जाएगा। राष्ट्रपति के द्वारा व्यक्तिगत रूप में किए गए कार्यों के विरुद्ध सिविल कार्यवाही आरंभ की जा सकती है, परंतु इसके पहले आवेदन कर्ता को अपना नाम, निवास स्थान तथा राष्ट्रपति के विरुद्ध कार्यवाही के कारण का विवरण 2 महीने पूर्व प्रस्तुत करना होगा।