भारत के राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में क्रांतिकारी चरणों का योगदान 

भारत के राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में क्रांतिकारी चरणों का योगदान  भारत के राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान, ब्रिटिश शासन के खिलाफ प्रतिरोध के दो अलग-अलग …

स्वदेशी आन्दोलन के कारण

स्वदेशी आन्दोलन के कारण स्वदेशी आन्दोलन भारत में ब्रिटिश सत्ता द्वारा भारतीयों के उत्पीडन से उत्पन्न एक जन असंतोष था, जिसे वर्ष 1907 में विभिन्न …

सामाजिक और धार्मिक सुधार आंदोलन में भारतीयों की भूमिका

सामाजिक और धार्मिक सुधार आंदोलन में भारतीयों की भूमिका भारत में सामाजिक और धार्मिक सुधार आंदोलनों की शुरुआत औपनिवेशिक शक्तियों द्वारा नहीं बल्कि स्वयं भारतीय …

17वीं-18वीं शताब्दी में भारत में जनजातीय विद्रोह के कारन एवं प्रभाव 

17वीं-18वीं शताब्दी में भारत में जनजातीय विद्रोह के कारन एवं प्रभाव  17वीं-18वीं शताब्दी के दौरान, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में अपनी पहली व्यापारिक …

वॉरेन हेस्टिंग्स के भूमि राजस्व सुधारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज पर प्रभाव

वॉरेन हेस्टिंग्स के भूमि राजस्व सुधारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज पर प्रभाव वारेन हेस्टिंग्स ने 1773-1785 तक ब्रिटिश भारत के गवर्नर-जनरल के रूप में …

महाराजा रणजीत सिंह का सैन्य संगठन और उसके प्रशासन

महाराजा रणजीत सिंह का सैन्य संगठन और उसके प्रशासन महाराजा रणजीत सिंह की सैन्य रणनीति अनुशासन, संगठन और नवाचार के सिद्धांतों पर आधारित थी। वह …

18वीं शताब्दी में आंग्ल-मराठा युद्ध के प्रभाव

18वीं शताब्दी में आंग्ल-मराठा युद्ध के प्रभाव आंग्ल-मराठा युद्ध 1775 से 1818 तक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और मराठा साम्राज्य के बीच लड़े गए संघर्षों …

पानीपत के तृतीय युद्ध से अंग्रेजों को हुए लाभ

पानीपत के तृतीय युद्ध से अंग्रेजों को हुए लाभ पानीपत की तीसरी लड़ाई 1761 में अहमदशाह अब्दाली के नेतृत्व में अफगानों और सदाशिव राव भाऊ …