हाल ही में एनुअल स्टेटस ऑफ़ एजुकेशन रिपोर्ट (ASER) 2022 जारी की गई हैं इस महामारी के बाद यह पहली बार राष्ट्रव्यापी संचालन है, इसे आखिरी बार 2018 में इस पैमाने पर किया गया था | सर्वेक्षण में 616 ज़िलों के क़रीब 7 लाख बच्चों को शामिल किया गया
उद्देश्य:- स्कूली बच्चों पर महामारी के बाद सीखने के परिणामों की गणना करना था | और प्रथम फाउंडेशन ने इसका नेतृत्व किया
यह रिपोर्ट स्कूलों में सीखने के परिणामों पर प्रकाश डालती है और देश में मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता की स्थिति को दर्शाती हैं | यह 3-16 आयु वर्ग के बच्चों की स्कूली शिक्षा की स्थिति और 5-16 आयु वर्ग के बच्चों के सीखने के स्तर का प्रतिनिधि अनुमान प्रदान करेगा
इस रिपोर्ट का मुख्य बिंदु:-महामारी में बंद के बाद से स्कूलों के फिर से खुलने से सुधार के संकेत मिले हैं >इसके अनुसार 6-14 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों के नामांकन स्तर में सुधार हुआ हैं हालाँकि, 2018 और 2022 के बीच दूसरी कक्षा के छात्रों में पढ़ने व गणना करने की क्षमता में 6.7% और 2.2% अंकों की गिरावट दर्ज की गई हैं रिपोर्ट के मुताबिक़, पढ़ने के कौशल में गिरावट की तुलना में संख्यात्मक स्तर में गिरावट कम रही हैं
ASER के बारे में:- यह एक वार्षिक सर्वेक्षण है एवं इसकी शुरुआत: 2005 से हुआ
उद्देश्य:- देश प्रत्येक ज़िले व राज्य के लिए बच्चों के नामांकन और बुनियादी सीखने के स्तर का विश्वसनीय अनुमान प्रदान करना हैं | यह भारत के सभी ग्रामीण ज़िलों में आयोजित किया जाता है, बता दें कि COVID-19 के कारण इसे बड़े पैमाने पर 2020 और 2021 में फोन-आधारित सर्वेक्षणों में बदल दिया गया था