उच्च न्यायालय का अधीक्षण की शक्ति
आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद उच्च न्यायालय के द्वारा दोनों राज्यों के लिए न्यायिक अधिकारियों का विभाजन किया गया और इसका विरोध करने वाले न्यायिक अधिकारियों को उच्च न्यायालय बर्खास्त भी कर दिया, जो उच्च न्यायालय की अधीक्षण की शक्ति का उदाहरण है। उच्च न्यायालय राज्य क्षेत्र में स्थित सभी प्रकार के न्यायालयों पर निगरानी रखता है और राज्य में स्थित अधीनस्थ न्यायालय तथा विभिन्न अधिकरणों पर उच्च न्यायालय को अधीक्षण की शक्ति प्राप्त है। अधीनस्थ न्यायालयों के किसी भी न्यायाधीश के विरुद्ध उच्च न्यायालय अनुशासनात्मक कार्यवाही कर सकता है। जनपद न्यायाधीशों को अवकाश देने का अधिकार भी उच्च न्यायालयों को है तथा जनपद न्यायाधीशों को राज्यपाल के द्वारा अपने पद से तभी हटाया जाएगा, जब उच्च न्यायालय के द्वारा अनुशंसा की जाए, परंतु उच्च न्यायालय की अधीक्षण शक्ति में सैन्य न्यायालय शामिल नहीं हैं।