उच्चतम न्यायालय की अवमानना व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
भले ही संविधान के अनुच्छेद-19 (1) (A) ने सभी नागरिकों को बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी हो, लेकिन अनुच्छेद-129 तथा 215 में उच्चतर न्यायपालिका को न्यायालय की अवमानना संबंधी अधिकार दिए गए हैं, जो अनुच्छेद-19(1)(A) के तहत् दी गयी स्वतंत्रता को सीमित कर देते हैं। यह प्रावधान न्यायपालिका की सुरक्षा एवं प्रोत्साहन के लिए आवश्यक है तथा इन & दोनों प्रावधानों के बीच सामंजस्य स्थापित किया जाना बेहतर है।