पारिस्थितिक समुदाय की विस्तृत व्याख्या कीजिए
किसी समय विशेष में एक ही प्रकार के प्राकृतिक पर्यावरण में पारस्परिक अंतर संबंधों से जुड़ी हुई विभिन्न जातियों का समूह पारिस्थितिक समुदाय कहलाता है। किसी समुदाय में वनस्पति जंतु सूक्ष्म जीव में आपस में प्रत्यक्ष एवं परोक्ष संबंध हो सकता है।
किसी समुदाय की विशेषताएं या अभिलक्षण:-
अतियों की प्रचुरता:- प्रचुरता शब्द से आशय विभिन्न जीवो एवं जीव जातियों की प्रचुरता से है, अर्थात पारिस्थितिक समुदाय विविध प्रकार के जीव जातियों के समूहन से निर्मित होता है।
स्तरीकरण:- सूर्यातप, वर्षा की मात्रा, आर्द्रता आदि को प्राप्त करने के उद्देश्य से समुदाय में वनस्पतियों एवं जंतु समुदायों में स्तरीकरण पाया जाता है। मानसूनी वनों में चार क्रमिक स्तर पाया जाता है।
प्रभाविता:- वह प्रजाति विशेष जो किसी समुदाय के कार्य एवं संरचना पर अधिक प्रभाव डालती है। जैसे सागौन के वनों में सागौन की प्रभाविता होती है।
संक्षेप में, पारिस्थितिक समुदाय जैव विविधता, स्थिरता, लचीलापन और मानव कल्याण को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।