पूंजी बाजार क्या है, इसका महत्व क्या है?
जिस बाजार में पूंजी का आदान-प्रदान 1 वर्ष से अधिक समय के लिए किया जाता है, उसे पूंजी बाजार कहते हैं। इसे लॉन्ग टर्म फंड भी कहा जाता है।
सरकार तथा निजी क्षेत्रों को दीर्घकालिक निवेश के लिए लंबे समय के लिए धन की आवश्यकता होती है जिसकी आपूर्ति पूंजी बाजार के माध्यम से की जा सकती है। इस बाजार में सरकार से संबंधित प्रतिभूतियों का वितरण किया जाता है। प्राथमिक तथा द्वितीयक प्रतिभूतियां पूंजी बाजार के अंतर्गत शामिल की जाती हैं। व्यापारिक बैंक, एंजेल निवेशक तथा निजी वित्तीय संस्थान भी पूंजी बाजार में शामिल हैं। वह संस्थान जो पूंजी बाजार में शामिल हैं, वह अपने प्रतिभूतियों के माध्यम से पूंजी बाजार से ऋण प्राप्त करते हैं तथा आवश्यकता पड़ने पर पूंजी बाजार से जुड़े अन्य संस्थानों को ऋण भी उपलब्ध करवाते हैं।
इस प्रकार पूंजी बाजार भारतीय वित्तीय व्यवस्था का एक ऐसा बाजार है जिसमें बड़े-बड़े पूंजी संस्थान शामिल होते हैं। इसके माध्यम से वे अपने प्रतिभूतियों का वितरण और बाजार से दीर्घकालिक ऋण का आदान प्रदान करते हैं, और इस ऋण का उपयोग भारत के अन्य संस्थानों और अन्य आर्थिक क्षेत्र में विकास के लिए निवेश करते हैं। जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को दीर्घकालिक प्रगति मिलती है और भारतीय अर्थव्यवस्था में स्थायित्व बना रहता है।