हिमालय पर्वत के वर्गीकरण
हिमालय भारत के उत्तरी भाग में उपस्थित विश्व की सबसे विस्तृत वलित पर्वत श्रंखलाओं में से एक है, इसका विस्तार भारत के पश्चिम में नंगा पर्वत से पूर्व में नामचाबरवा तथा हिमालय के अक्षीय वक्र के सहारे दक्षिण की ओर अराकानयोमा के रूप में है। भारत में हिमालय पर्वत की विशालता के कारण अध्ययन की दृष्टि से इसका ऊर्ध्वाधर तथा क्षैतिज आधारों पर विभाजन किया जाता है।
हिमालय पर्वत के ऊर्ध्वाधर विभाजन में इसे पार हिमालय तथा भारतीय हिमालय तंत्र के रूप में वर्गीकृत किया जाता हैं। पार हिमालय में हिमालय की काराकोरम, लद्दाख तथा जास्कर श्रेणियां अवस्थित हैं, भारत की उत्तरी सीमा पर अवस्थित काराकोरम श्रेणी की सर्वोच्च चोटी ‘माउंट K2’ है, जिसे ‘गॉडविन ऑस्टिन’ कहा जाता है, यह भारत की सर्वोच्च जबकि विश्व की दूसरी सर्वोच्च चोटी है।
अनुप्रस्थ या क्षैतिज विभाजन में हिमालय की तीन क्रमिक श्रेणियां वृहत हिमालय, महान हिमालय तथा शिवालिक हिमालय शामिल हैं, हिमालय समेत विश्व की सर्वोच्च पर्वत चोटी ‘माउंट एवेरेस्ट’ भारतीय हिमालय की वृहत हिमालय पर्वत श्रेणी में अवस्थित हैं।
हिमालय का अनुप्रस्थ विभाजन नदियों के आधार पर किया जाता है, जिसमें पश्चिम से पूर्व की ओर पंजाब हिमालय, कुमायूं हिमालय, नेपाल हिमालय, असम हिमालय तथा पूर्वांचल पहाड़ियां उपस्थित हैं। पूर्वांचल की पहाड़ियों में डाफला, मिरी, अबोर, मिस्मी आदि शामिल हैं।
इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि हिमालय पर्वत तंत्र विशाल पर्वत तंत्र का उदाहरण है, जोकि जलवायविक, वनस्पतिगत, आवासीय, नृजातीय तथा जैव विविधता का आवास है।