हड़प्पा सभ्यता या सिंधु घाटी सभ्यताके पतन के संबंध में विभिन्न विद्वान और उनकी राय
विद्वान (विचारक) | विचार (मान्यता) |
स्टुअर्ट, पिगॉट और गॉर्डन – चाइल्ड | बाहरी आक्रमण (आर्य द्वारा आक्रमण) |
एम. आर साहनी, मार्शल, एस. आर राव और मैकी | बाढ़ आना (जलप्लावन ), बाढ़ |
जी.एफ हेल्स, के. वी. आर केनेडी | घग्गर के बहाव में परिवर्तन के कारण विनाश, महामारी |
मार्शल और रायक्स, ऑरेल स्ट्रेन और ए.एन घोष | भू – तात्विक परिवर्तन (Tectonic Disturbances), जलवायु में परिवर्तन |
वाल्टर फेयरसर्विस | वनों की कटाई, संसाधनों की कमी और पारिस्थितिकीय असंतुलन |
व्हीलर | व्हीलर ने अपनी किताब ‘प्राचीन भारत’ में उल्लेख किया है कि सिंधु सभ्यता का पतन वास्तव में बड़े पैमाने पर जलवायु परिवर्तन, आर्थिक और राजनीतिक बदलावों के कारण हुआ था। |
जॉर्ज डेल्स | जॉर्ज डेल्स ने ‘द मिथिकल नरसंहार ऐट मोहन जोदड़ो’ में व्हीलर द्वारा दिए गए घुसपैठ के सिद्धांत को नकारते हुए तर्क दिया है कि पाए गए कंकाल हड़प्पा नहीं थे और समाधी या दफ़न करने का तरीका हड़प्पा काल अतः इस सभ्यता का पतन नरसंहार के कारण नहीं हुआ है |