हड़प्पा नगर और उनकी विशेषताएं
नगर दो खंडों में विभक्त था, पश्चिम में दुर्ग क्षेत्र एवं पूरब में निचला नगर था। दुर्ग क्षेत्र से बाहर उत्तर में एक टीले के उत्खनन से कुछ महत्वपूर्ण अवशेष प्राप्त हुए हैं जैसे— मजदूरों को रहने के लिए श्रमिक बस्ती – कुल 15 मकान प्राप्त हुए हैं।
इसी के पास से 16 भट्टियाँ प्राप्त हुई हैं जिसमें कोयले और कंडे की राख मिली हैं। पुराविदों ने इसे तांबा गलाने का कारखाना माना है। यहीं से पक्की ईंटों से निर्मित 18 वृताकार चबूतरे मिले, हैं जिनके मध्य में एक गढ़ा है। इसी गढ़े में गेहे जौ एवं राख के साक्ष्य मिले हैं।