स्थगन प्रस्ताव और इसके प्रभाव
इस प्रस्ताव के द्वारा सदन का सामान्य काम-काज स्थगित कर सार्वजनिक महत्व के किसी विशेष मुद्दों पर विचार किया जाता है। 15वीं लोक सभा में पहली बार ऐसा हुआ जब धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के बाद विपक्षी दल स्थगन प्रस्ताव लाने की मांग करने लगे। स्थगन प्रस्ताव विशेष प्रक्रिया है, जिसे लाने के लिए लोक सभा के कम से कम 50 सदस्यों की सहमति आवश्यक है। क्योंकि जब स्थगन प्रस्ताव लाया जाता है, तो संसद की सामान्य कार्यवाही को स्थगित कर दिया जाता है। इसको लाने के निम्न आधार होते हैं।
कोई सार्वजनिक महत्व का अति आवश्यक विषय जिससे पूरा देश प्रभावित हो।
स्थगन प्रस्ताव में लाया जाने वाला विषय सुनिश्चित होना चाहिए।
किसी सांसद के निजी मुद्दे या निजी शिकायत को इसमें नहीं उठाया जा सकता।
प्रभाव
इस पर मतदान होता है। यदि सरकार के विरुद्ध यह प्रस्ताव पारित हो जाता है, तब इसे सरकार की निंदा मानी जाती है तथा इसके पारित होने के बाद सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। स्थगन प्रस्ताव राज्य सभा में नहीं लाया जाता है।