सिंधु सभ्यता के मेसोपोटामिया से सम्बन्ध
हड़प्पा काल के लोगों का सम्बन्ध मेसोपोटामिया (इराक) से भी थे। मेसोपोटामिया की खुदाई से अनेक हड़प्पाई मुहरे मिली है, जो मुख्यतया व्यापार के माध्यम से यहाँ पहुची होंगी।मेसोपोटामिया (सुमेर) के प्राचीन ग्रन्थों में इस बात का वर्णन मिलता है कि हाथीदाँत, सोना, गोमेद, मोर, चिड़ियों की लघुमूर्तियाँ और इमारती लकड़ी सुमेर में मेलुहा से आती थी।
मेसोपोटामिया में स्थित अक्काड़ के प्रसिद्ध सम्राट सारगान ने अपने अभिलेख में दावा किया था कि ‘दलमुन’, ‘मकान’, और ‘मेलुहा’ के जहाज उसकी राजधानी में लंगर डालते थे। इस अभिलेख में ‘मेलुहा’ नामक स्थान के साथ उसके व्यापारिक सम्बन्धो का वर्णन है।विद्वानों के अनुसार ‘मेलुहा’ सिन्धु क्षेत्र का ही प्राचीन नाम है। इस अभिलेख में ‘दलमुन’ और ‘माकन’ नामक दो व्यापारिक केन्द्रों का वर्णन मिलता है। ये दोनों स्थान मेसोपोटामिया और मेलुहा के मध्य में थे। विद्वान दिलमुन की पहचान फारस की खाड़ी के बहरैन से करते है। कुछ विद्वानों ने माकन और रान समुद्रतट को एक ही माना है।