सार्वजनिक उद्यमों की स्थापना को लेकर मतभेद क्या हैं ?
संघ एवं राज्यों के मध्य सार्वजनिक उद्यमों की स्थापना को लेकर अनेक मतभेद व्याप्त थे। राष्ट्रीय विकास परिषद् में कुछ राज्यों के मंत्रियों ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि सार्वजनिक उद्यमों राज्यों में निवेश के लिए एक वस्तुनिष्ठ फॉर्मूले का निर्माण करना चाहिए।
केंद्रीय नियोजन को संघवाद के प्रतिकूल मानना पूर्णतः तार्किक नहीं है। इससे राज्यों के अधिकारों की अवहेलना नहीं होती तथा योजना में राज्यों की सहमति लेने के लिए राष्ट्रीय विकास परिषद् है। नीति आयोग एक विशेषज्ञ संस्था है, इसलिए यह राज्यों के अधिकारों की विरोधी नहीं है, बल्कि इसका मूल उद्देश्य समूचे भारत का समग्र सामाजिक एवं आर्थिक विकास सुनिश्चित करना है।