सधारा विधेयक में प्रथम वाचन क्या हैं ?
अनुच्छेद- 107 के अनुसार, साधारण विधेयक संसद के किसी भी सदन में प्रस्तुत किया जा सकता है। सामान्यतः यह विधेयक किसी मंत्री या प्राइवेट व्यक्तियों द्वारा प्रस्तुत किया जा सकता है। यदि कोई सदस्य सदन में कोई विधेयक प्रस्तुत करना चाहता है, तो उसे इस आशय की अग्रिम सूचना अध्यक्ष को देनी होगी तथा इजाजत लेनी होगी, जो सामान्यतः मिल जाती है। यदि विधेयक को प्रस्तुतीकरण से पहले राजपत्र में प्रकाशित कराया जाता है, तो विधेयक के प्रस्तुतीकरण की इजाजत नहीं लेनी पड़ती। विधेयक का सदन में प्रस्तुत करना तथा राजपत्र में प्रकाशन प्रथम वाचन कहलाता है। परंपरानुसार इस अवस्था में विधेयक पर चर्चा नहीं की जाती तथा एक दिन में कितने भी विधेयक पेश किए जा सकते हैं।