सत्तारूढ़ दल से संबंधित आचार संहिता
आचार संहिता लागू होने के पश्चात् सत्तारूढ़ सरकार या प्राधिकरण किसी वित्तीय सहायता, सड़क निर्माण की घोषणा, नई नियुक्तियों की घोषणा नहीं कर सकतीं, क्योंकि ये कार्य मतदान व्यवहार को प्रभावित कर सकते हैं। सत्तारूढ़ दलों पर चुनावी आचार संहिता तोड़ने के आरोप लगते रहे हैं। विपक्षी दलों का मानना है कि सत्तारूढ़ दल सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हैं एवं अपने दल के प्रचार के लिए सरकारी धन का तथा सरकारी मीडिया का भी गलत प्रयोग करते हैं। अतः निर्वाचन आयोग उपरोक्त आरोपों की जांच करता है।
सत्ताधारी दल सरकारी धन पर विज्ञापनों के जरिए उपलब्धियां न गिनवाएं । सत्ताधारी दल विश्राम गृह, डाक बंगले या सरकारी आवासों पर एकाधिकार न करें। वे इन स्थानों का इस्तेमाल प्रचार कार्यालय के लिए नहीं कर सकते। मुख्यमंत्री या मंत्री शासकीय दौरा नहीं कर सकेंगे। विवेकाधीन निधि से अनुदान या स्वीकृति चुनाव नहीं हो सकेगी। शासकीय सेवक किसी भी अभ्यर्थी के लिए निर्वाचक, मतदाता या गणना एजेंट नहीं बनेंगे।