संसद में अविश्वास प्रस्ताव क्या हैं ?
अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष के द्वारा लाया जाता है, इसका उल्लेख लोक सभा के नियम – 198 में किया गया है। इस प्रस्ताव को लाने के लिए कोई निश्चित कारण बताने की जरुरत नहीं है। पहला अविश्वास प्रस्ताव नेहरु सरकार के विरुद्ध वर्ष-1963 में लाया गया था। तकनीकी रूप में अविश्वास प्रस्ताव सदन में कोई मुद्दा उठाने का संसदीय माध्यम नहीं है, क्योंकि ये प्रस्ताव तब लाए जाते हैं, जब सरकार बहुमत खो चुकी हो और सरकार को सत्ता में रहने का अधिकार न हो। यदि लोक सभा के 50 सदस्य खड़े होकर मांग करें, तो अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार किया जा सकता है और विपक्ष के द्वारा सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है। यह बिंदु ध्यान देने योग्य है कि एक सत्र में एक बार से अधिक अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता। वर्ष 2008 में मनमोहन सिंह सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, जिसमें वे विजयी रहे। यह प्रस्ताव सदन में सामान्य बहुमत से पारित किया जाता है।