शोषण के विरूद्ध बच्चों के अधिकार
अनुच्छेद-24 के अंतर्गत् विशिष्ट रूप में 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी कारखाने या खान या किसी अन्य संकटमय या खतरनाक कार्यों में नहीं लगाया जाएगा। अतः बच्चों को किसी भी रूप में खतरनाक कार्यों में नहीं लगाया जा सकता। यह अधिकार राज्य एवं व्यक्ति दोनों के विरुद्ध प्राप्त है। वर्ष 2015 में संघ सरकार के कैबिनेट प्रस्ताव के अनुसार, बच्चे घरेलू कार्यों में परिवार की सहायता कर सकते हैं। इसे बालश्रम की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा। यह उल्लेखनीय है कि बच्चों के प्राथमिक शिक्षा का अनिवार्य एवं निःशुल्क अधिकार, (अनुच्छेद-21 (A)), शोषण के विरुद्ध अधिकार का पूरक है। इस प्रावधान को पूर्ण करने हेतु संसद द्वारा विधियां पारित की गई हैं, जो इस प्रकार हैं
बच्चों का रोजगार अधिनियम, 1938
कारखाना अधिनियम, 1948
प्लांटेशन लेबर अधिनियम, 1951
मोटर ट्रॉन्सपोर्ट मजदूर अधिनियम, 1951
खान अधिनियम, 1952
व्यापारी जहाज अधिनियम, 1956
बीड़ी-सिगार कार्य अधिनियम, 1966
बालश्रम अधिनियम, 1986