विशेषज्ञता का महत्व क्या हैं ?
राष्ट्रपति स्वेच्छा से मंत्रियों का निर्वाचन कर सकता है और मंत्री, संसद के सदस्य नहीं होते। इसलिए मंत्री, राष्ट्रपति के प्रति उत्तरदाई होते हैं, न कि वे संसद के प्रति जवाबदेह होते हैं। इसलिए मंत्री, संसद में भागीदारी नहीं करते तथा संसद के सदस्य भी मंत्रियों से प्रश्न नहीं कर सकते । अतः लोकप्रियता एवं निर्वाचन मंत्रियों की नियुक्ति का आधार नहीं बन सकता।