लोक प्रशासन में नैतिकता की समस्याओं को प्रभावित करने वाले कारक
लोक प्रशासन में नैतिकता को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारक/ स्रोत निम्नलिखित हैं:-
1.राजनितिक संरचना
2.क़ानूनी संरचना
3.निजी मनको में गिरावट
4.नागरिक समाज का कमजोर होना
1.लोक प्रशासन की नैतिकता को प्रभावित करने वाली राजनीतिक संरचना:- लोक प्रशासन में नैतिकता राजनीतिक रूप से दो प्रकार से प्रभावित होती है, जिसमें एक उत्तरदायित्व एवं दूसरा जवाबदेही है। जवाबदेही विधायिका की जनता के प्रति होती है क्योंकि इनका चुनाव जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से किया जाता है। जबकि विधायिका द्वारा बनाए गए कानून को लागू करने का उत्तरदायित्व ब्यूरोक्रेसी की होती है।
2.लोक प्रशासन की नैतिकता को प्रभावित करने वाली कानूनी संरचना:- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 309 से 311 के बीच सिविल सेवकों हेतु कई प्रावधान किए गए हैं। अनुच्छेद 311 में राज्य के अधीन सिविल हैसियत में नियोजित व्यक्तियों को पदच्युत किया जाना या पंक्ति में अवनत किया जाने से संबंधित प्रावधान किया गया है। यह प्रावधान सिविल सेवकों के रक्षा हेतु किया गया था कि किसी उचित कार्य के लिए उन्हें दंड देकर हटाया न जाए लेकिन सिविल सेवकों द्वारा इस अनुच्छेद का भ्रष्टाचार के लिए दुरुपयोग किया जाने लगा है।
इससे संबंधित कानूनी संरचना का अभाव है। कोड ऑफ कंडक्ट प्रभावी नहीं है इसलिए इसका सही निगरानी तंत्र एवं दबावकारी ढांचा नहीं है। स्वायत्त ढांचा नहीं होने के कारण राजनीतिक दल किसी सिविल सेवक के विरुद्ध इसका इस्तेमाल राजनीतिक नियंत्रण के लिए करते हैं।
3.व्यक्तिगत मूल्य/मानक से संबंधित समस्या:- सिविल सेवा या लोक प्रशासन सेवा के नैतिकता पर आधारित है और सेवा की नैतिकता कुछ बातों पर निर्भर है। जैसे – समानुभूति, करुणा, भावनात्मक बुद्धिमत्ता, निस्वार्थ भाव, इच्छाओं पर नियंत्रण गैर- भौतिकतावादी जीवन का विचार आदि। इन सभी में क्रमशः गिरावट आ रही है।
सेवा की नैतिकता मानती है कि सिविल सेवा को एक रोजगार या कैरियर विकल्प नहीं माना जा सकता है। सेवा की नैतिकता हेतु एक खास प्रकार की अभिक्षमता की आवश्यकता होती है। एक खास प्रकार के अभिक्षमता के व्यक्तियों को ही सिविल सेवा में शामिल किया जाना चाहिए ।
4.नागरिक समाज का कमजोर होना:- प्रशासन नागरिक समाज के दबाव में उचित कार्य करता है। यदि किसी समाज में ज्यादातर लोग बुद्धिजीवी हैं एवं सरकार या सिविल सेवा के किसी कार्य से खुश नहीं है तो ऐसी स्थिति में उनका विरोध समाज के व्यापक वर्ग को प्रभावित कर सकता है। इसीलिए सिविल समाज का मजबूत होना प्रशासन के सुचारू संचालन हेतु आवश्यक