लोकसभा में बहुमत प्रणाली क्या हैं ?
इस प्रणाली में जिसे सर्वाधिक मत मिलता है, वह प्रत्याशी चुनाव जीत जाता है, जिसमें मतों का बहुमत नहीं, बल्कि मतदाताओं के बहुमत की आवश्यकता होती है, जिसे सबसे अधिक मत प्राप्त होता है, वह विजयी घोषित हो जाता है। इसमें एक सदस्यीय निर्वाचन क्षेत्र एवं कई उम्मीदवार खड़े हो सकते हैं। इस प्रणाली में वोट का प्रतिशत नहीं, बल्कि वोट का अनुपात प्राप्त करना होता है। यह प्रणाली विकासशील देशों में अधिक प्रचलित है, क्योंकि इसके तहत् देश को समान आकार के कई चुनाव क्षेत्रों में विभाजित कर दिया जाता है। एक सदस्यीय निर्वाचन क्षेत्र होते हैं और विजेता प्रत्याशी को सबसे अधिक मत प्राप्त करना होता है। इस चुनाव प्रणाली को ‘इकहरा सदस्यीय बहुलवादी व्यवस्था’ भी कहते हैं। इस प्रणाली में अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित नहीं हो पाता तथा दल को प्राप्त होने वाले वोट के प्रतिशत की तुलना में उसे लोक सभा में सीटें प्राप्त नहीं होतीं।