राष्ट्रपति के वित्तीय शक्तियाँ
राष्ट्रपति को संविधान द्वारा कई वित्तीय शक्तियां प्रदान की गयी है। धन विधेयक तथा वित्त विधेयक को तभी लोकसभा में पेश किया जाता है, जब राष्ट्रपति उसकी सिफारिश करे। जिस विधेयक को प्रवर्तित किये जाने पर भारत की संचित निधि में व्यय करना पड़े, उस विधेयक को संसद में तभी पारित किया जायेगा, जब राष्ट्रपति उस विधेयक पर विचार विमर्श करने की सिफारिश संसद से करे । जिस कराधान में राज्य का हित सम्बद्ध है, उस कराधान से सम्बन्धित विधेयक को राष्ट्रपति की अनुमति से ही लोकसभा में पेश किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रपति प्रत्येक वर्ष वित्तमंत्री के माध्यम से वर्ष का बजट लोकसभा में पेश करवाता है तथा प्रत्येक पांच वर्ष की समाप्ति पर वित्त आयोग का गठन करता है। राष्ट्रपति वित्त आयोग द्वारा की गयी प्रत्येक सिफारिश को, उस पर किये गये स्पष्टीकारक ज्ञापन संहित संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष रखवाता है।