मूल्यों और नैतिकता क्या हैं? व्यावसायिक सक्षमता के साथ नैतिक होना
मूल्य संस्थाओं को उचित बनाने वाले घटक हैं। यह मानवीय जीवन की तथा संस्थाओं की गुणवत्ता बढ़ाते हैं। जैसे – न्याय, स्वतंत्रत, समानता, राजनैतिक मूल्य हैं, जो मानवीय जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ-साथ राज्य को आदर्श राज्य बनाते हैं। नैतिकता उचित साध्य एवं साधन का विज्ञान है, जो सर्वोदय, सभी मनुष्यों का कल्याण (सर्वे भवंतु सुखिनः) समावेशी विकास,संपोषणीय तथा दीर्घकालिक आनंद जैसे लक्ष्यों की प्राप्ति करवाता है। व्यवसायिक सक्षमता के साथ नैतिक होना अनिवार्य है क्योंकि व्यावसायिक सक्षमता से केवल जरूरी कौशल, ज्ञान और योग्यता जैसे साधन आते हैं परंतु इन साधनों का प्रयोग करके मनुष्य लोक कल्याण में बाधक भी बन सकते हैं जब तक इस सक्षमता के साथ नैतिकता जुड़ी हुई न हो।
सक्षमता और नैतिकता:- इसके विपरीत बीडी शर्मा, टी एन शेषन जैसे अधिकारी सक्षम होने के साथ-साथ नैतिक भी थे।
केवल सक्षमता:- केवल सक्षमता के अंतर्गत ब्रिटिश उपनिवेशवादी राज्य मेंभारतीयों पर शासन करने वाले भारतीय पुलिस अधिकारी तथा सिविल सेवक सक्षम थे परंतु नैतिक नहीं थे।