मसूर फसल की खेती
मसूर विश्व में उगाई जाने वाली दलहनी फसलों में मसूर का विशेष महत्त्व है। इसका प्रयोग मुख्य रूप से दाल के रूप में करते हैं। मसूर के दानों में प्रोटीन 24% वसा 1% कार्बोहाइड्रेट्स 58% खनिज लवण 2% रेशे 1% व शेष जल पाया जाता है। मसूर एक प्रोटीनयुक्त एवं पोषक फसल के रूप में की जाती है वर्षा आधारित एवं असिंचित क्षेत्रो की यह एक उपयुक्त फसल है। भूमि सतह पर फैलने के कारण यह फसल मृदा संरक्षण का कार्य करती है।
भारतवर्ष तथा इसके आस-पास के देशों में मसूर की खेती प्राचीनकाल से होती है। सम्पूर्ण विश्व में मसूर की खेती लगभग 36 लाख हे. क्षेत्रफल पर की जाती है, तथा इसका विश्व में मसूर की खेती लगभग 30 लाख टन है। इसकी खेती प्रमुख रूप से इसका प्रसार व प्रचार विश्व में मसूर की खेती लगभग 30 लाख है। वर्तमान समय में विश्व में मसूर की औसत उत्पादन 800 किग्रा है. हैं भारत में मसूर की खेती लगभग 14 लाख है पर की जाती है। इसका कुल उत्पादन लगभग 9 लाख टन है। यहाँ पर इसकी औसत उत्पादकता लगभग 620 किग्रा है।