भारत सरकार द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के क्षेत्र में किए गए प्रयासों को बताइए
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) एक कंपनी या एक व्यक्ति द्वारा एक देश से दूसरे देश में स्थित व्यावसायिक इकाईयों में किया गया निवेश है। एफडीआई आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण सूचक है।
FDI को बढ़ावा देने के लिये सरकारी पहल:-
भारत सरकार ने हाल के वर्षों में कई पहल की हैं जैसे- रक्षा, PSU तेल रिफाइनरियों, दूरसंचार, पॉवर एक्सचेंजों और स्टॉक एक्सचेंज जैसे क्षेत्रों में FDI मानदंडों में ढील देना।
भारत सरकार द्वारा ई-कॉमर्स के क्षेत्र में 100% विदेशी निवेश की अनुमति दी गई है।
मेक इन इण्डिया और आत्मनिर्भर भारत अभियानों के साथ-साथ वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओ में भारत के कदम मजबूत करने से एफडीआई प्रवाह को गति मिली है।
2019 में, कोयला खनन गतिविधियों में स्वचालित मार्ग के तहत 100% FDI की अनुमति देने के लिए सरकार द्वारा FDI नीति 2017 में संशोधन से FDI प्रवाह में वृद्धि हुई।
सरकार ने डिजिटल क्षेत्रों में 26% FDI की अनुमति दी, इस क्षेत्र में भारत में विशेष रूप से अनुकूल जनसांख्यिकी, पर्याप्त मोबाइल और इंटरनेट पैठ के रूप में उच्च रिटर्न क्षमताएं हैं।
एफडीआई आर्थिक विकास के एक उपकरण के रूप में कार्य करता है, जो भारत के आर्थिक विकास के लिए गैर-ऋण वित्त का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। इसलिए, एक मजबूत और आसानी से सुलभ एफडीआई व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए, जिससे भारत में विदेशी मुद्रा कोष को मजबूती मिले, और भारत विदेशी मंच पर एक सशक्त अर्थव्यवस्था के रूप में उभरे।