भारत में विशेष आर्थिक क्षेत्र के महत्व
एक विशेष आर्थिक क्षेत्र किसी देश की राष्ट्रीय सीमाओं के भीतर एक विशेष रूप से चिह्नित ऐसा क्षेत्र है। जिसमें देश के अन्य हिस्सों की तुलना में अधिक उदार आर्थिक कानून लागू होते हैं।
भारत में विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) अधिनियम वर्ष 2005 में पारित किया गया। जो वर्ष 2006 में एस ई जेड के साथ लागू हुआ। देश की वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देगा। यह देश की अतिरिक्त आर्थिक गतिविधियों का विस्तार करने में सहयोग करेगा। यह भारत जैसे विकासशील देश में रोज़गार पैदा करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
यह विनिर्माण क्षेत्र में घरेलू और विदेशी निवेश को आकर्षित करने में सहायक सिद्ध हो रहा है। बुनियादी सुविधाओं का विकास करने और उन्हें प्रगतिशील तथा प्रतिस्पर्धी बनाने में सहायक सिद्ध होगा।
बाबा कल्याणी समिति की सिफारिशों को लागू करना और विशेष आर्थिक क्षेत्र को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमइ) योजनाओं के साथ जोड़ना, साथ ही कौशल विकास योजना का पूर्ण रूप से उपयोग विशेष आर्थिक क्षेत्र में होना चाहिए, जिससे वस्तुओं की गुणवत्ता में कमी निर्यात में बाधक न बने।