भारत में जाति व्यवस्था में परिवर्तन के कारक का मूल्यांकन
जाति व्यवस्था में निश्चित तौर पर अनेक परिवर्तन परिलक्षित हुए हैं, परन्तु इन तमाम परिवर्तनों के बावजूद जाति की वंशानुगत सदस्यता (Hereditary Membership), संस्तरण तथा इसके अंतर्विवाह संबंधी पक्ष में कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ है। दूसरी ओर, आधुनिकीकरण के प्रभाव ने निम्न जातियों को प्रस्थिति सुधार हेतु अभिप्रेरित किया है। फलतः ये जातियां, जाति को आधार के रूप में इस्तेमाल करते हुए ऊर्ध्वमुखी सामाजिक हैं। गतिशीलता (Upward Social Mobility) हेतु उन्मुख हैं ।
निष्कर्षत: यह कहा जा सकता है कि भारतीय जाति व्यवस्था आधुनिक परिवर्तनों के साथ अभी भी अपनी निरंतरता बनाए हुए है अर्थात् आधुनिक भारत में जाति व्यवस्था एक साथ मजबूत एवं कमजोर दोनों हुई है।