भारत में जाति आधारित जनगणना
29 जून, 2011 को बहुप्रतीक्षित जाति आधारित जनगणना की शुरूआत त्रिपुरा के हाजेमारा/हेजामारा के जनजातीय गांव संखोला से हुई। 1931 की आखिरी जनगणना के बाद यह पहली जाति आधारित जनगणना है, दूसरे शब्दों में यह आजादी के बाद पहली जाति आधारित जनगणना है। यहां उल्लेखनीय है कि सरकार का यह तीसरा मौका है जब किसी बड़े कार्यक्रम की शुरूआत किसी आदिवासी क्षेत्र से हुई है। पहले यूनिक आइडेंटिफिकेशन नम्बर की शुरूआत महाराष्ट्र के नंदूरवार जिले के हेभली गांव से तथा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की शुरूआत राजस्थान के बांसवाड़ा ( आदिवासी क्षेत्र) से की गई ।
जनगणना राज्य सरकारों द्वारा कराई जाएगी एवं ग्राम पंचायतों की मदद ली जाएगी। ग्रामीण बी. पी. एल. जनसंख्या के आंकड़ों को अंतिम रूप देने से पहले ग्राम सभाओं के सामने पेश किया जाएगा, ताकि वे अपना ऐतराज यदि हो तो दर्ज करा सकें। इसका अनुमोदन ग्राम सभा द्वारा किया जाएगा।