November 14, 2024
भारत में चुकन्दर की खेती पर एक निबन्ध लिखिए Era Of Infology

भारत में चुकन्दर की खेती पर एक निबन्ध लिखिए

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भारत में चुकन्दर की खेती पर एक निबन्ध लिखिए

भारत में चुकन्दर की खेती पर निबंध आप निम्न बिंदुओं को को  शामिल करके लिखा जा सकता हैं। जैसे:-
1.आर्थिक महत्त्व:- चुकन्दर की फसल चीनी के उत्पादन में उपयोग में लायी जाने वाली गन्ने का विकल्प है। इसके पौध का हरा वानस्पतिक भाग पशु को दिया जाता है।

2. संगठन:- चुकन्दर में 70 से 50% जल तथा 25 से 30%-ठोस पदार्थ पाये जाते हैं। इसमें 17-18% शपायी जाती है। तथा 6 से 9% तक अन्य ठोस पदार्थ पाये जाते है। अत: चुकन्दर चीनी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।

3. भौगोलिक वितरण:- चुकन्दर के कन्द में के लगभग सम 1750 में सर्वप्रथम जर्मनी की जर्मनी की प्रयोगशाला में चीनी के क्रिस्टलों का निर्माण किया गया। इसकी खेती करने वाले देशों में 10 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्रफल पर इसकी खेती करने वाले प्रमुख देशों में रूस, इटली, फ्रांस, जर्मनी तथा अमेरिका देश है। सम्पूर्ण विश्व में 10 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्रफल पर इसकी खेती की जा सकती है। इसका कुल उत्पादन 270 मिलियन टन है। इसकी औसत उत्पादन 360 मिलियन हैक्ट है।

4. वानस्पतिक विवरण:- चुकन्दर का पौधा द्विवर्षीय होता है। प्रथम वर्ष में इसके पौधों में जड़े एवं पत्तियों आदि बनते हैं जबकि दूसरे वर्ष में इसके पौधे पर फूल व बीज बनते हैं। इसकी मूसला जड़ होती है तथा इसका कन्द मोटा रसदार एवं खाने में स्वादिष्ट होता है।

5. भूमि:- चुकन्दर के लिए बलुई दोमट मृदा सर्वोत्तम होती है। खेत में जल निकास का उचित प्रवन्ध आवश्यक होता है। उपयुक्त मृदा का PH मान 6.5 से 7. 5 तक होना चाहिए। यह एक लवणपोषी फसल है। यह PH मान 9.0 तक मृदाओं में भी उगायी जा सकती है।

6. भूमि की तैयारी:- खरीफ की फसल की कटाई के पश्चात् मिट्टी पलटने वाले हल से खेत की एक गहराई से करनी चाहिए। उसके पश्चात् 3 या 4 बार हैरो चलाकर खेत की मिट्टी कोमल कर लेते हैं। आवश्यकतानुसार पाटे का प्रयोग करते हैं। 

7. फसल चक्र:-

चुकन्दर का फसल चक्र
ज्वार-चुकन्दर एकवर्षीय
बाजरा-चुकन्दर  एकवर्षीय
मक्का-चुकन्दर एकवर्षीय
लोविया-चुकन्दर एकवर्षीय

 8. चुकन्दर की कुछ प्रजातियाँ:- टाईबेल, ट्राईप्लेम्स, रामोन्सकाया, लोबिया सुगर साल्ट, मैरिनो मैग्नापाली, मैरिबो एग्लोपाली

9. बुवाई का समय:- चुकन्दर की खेती भारत में रबी के मौसम में की जाती है। इसकी बुवाई के लिए उपयुक्त समय 15 अक्टूबर से 30 अक्टूबर है।

10. बीजदर:- चुकन्दर की एण्ड हैक्टेयर खेत की बुवाई के लिए 8 से किग्रा बीज की आवश्यकता होती है।

11. अन्तराल:- चुकन्दर की फसल उगाने के लिए पंक्ति से पंक्ति की दूरी लगभग 50 सेमी. व पौधे से पौधे की दूरी 15 से 20 सेमी उचित रहती है।

12. सिंचाई:- चुकन्दर की फसल की कुल जल मांग लगभग 1000 मिमी है। इसकी फसल के कुल अन्तराल में तापमान एवं वर्षा जल मांग से 8 से 10 सिंचाई से पूर्व होती है। सामान्यतः 3 सप्ताह के अन्तराल पर खेत की सिंचाई करनी चाहिए।

13. खरपतवार नियन्त्रण:- पौधों के कुछ बड़े होने पर कन्द की अच्छी वृद्धि के लिए उस पर मिट्टी चढ़ाने का कार्य किया जाता है। मिट्टी चढ़ाने से चुकन्दर की फसल को रोग से बचाने के लिए खरपतवार नाशी का प्रयोग करना चाहिए।

14. फसल:- चुकन्दर के एक है. से लगभग 400 कु. तक कन्दों की प्राप्ति होती है। 30-60 कु. हरा चारा प्राप्त होता है।

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