भारतीय समाज में धर्म: समकालीन संदर्भ
वर्तमान भारतीय समाज में विज्ञान एवं तार्किक विश्व दृष्टि के विकास के कारण निश्चित तौर पर जीवन के अन्य क्षेत्रों (शैक्षिक, राजनीतिक, आर्थिक, प्राकृतिक आदि) में धर्म के प्रभाव में कमी आई है। परन्तु, विश्वास और आस्था की एक व्यवस्था के रूप में आज भी इसकी महत्ता बनी हुई है। कावड़ियों, वैष्णो देवी के दर्शनार्थियों एवं कुंभ के मेले में स्नान करने के लिए आने वाले भक्तों की बढ़ती संख्या इस तथ्य को पुष्ट करती है। कर्त्तव्य कर्म के रूप में भले ही आज धर्म का महत्त्व कम हुआ है परन्तु आज भी अचेतन रूप में नैतिकता के आधार पर भारतीय जनमानस पर इसका प्रभाव कायम है।