भारतीय प्रवासी समुदाय के महत्व
भारतीय प्रवासी समुदाय से आशय ऐसे लोगों के समूह से है, जो वर्तमान में भारत के बाहर (अस्थायी या स्थायी) रह रहे हैं। कई विकसित देशों में भारतीय प्रवासी समुदाय सबसे अमीर अल्पसंख्यकों में से एक है। “प्रवासी कूटनीति” के माध्यम से वे लाभ अर्जित कर रहे हैं, जिससे वे अपने गृह तथा गंतव्य देशों के बीच “सेतु-निर्माता” के रूप में कार्य करते हैं।
भारतीय प्रवासी न केवल भारत की सॉफ्ट पावर का एक हिस्सा हैं, बल्कि एक प्रभावी राजनीतिक शक्ति भी है। इसके अतिरिक्त बड़ी संख्या में भारतीय मूल के व्यक्ति विभिन्न देशों में प्रमुख राजनीतिक पदों पर आसीन हैं, जो संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय संगठनों में भारत के राजनीतिक प्रभाव को मज़बूत करता है।
कम कुशल श्रमिकों (विशेष रूप से पश्चिम एशिया में) के प्रवासन ने भारत में प्रच्छन्न बेरोज़गारी को कम करने में मदद की है। भारतीय प्रवासियों द्वारा भेजे गए प्रेषण का भुगतान संतुलन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जो व्यापक व्यापार घाटे के अंतर को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा प्रवासी श्रमिकों ने भारत में सूचना, वाणिज्यिक और व्यावसायिक विचारों तथा प्रौद्योगिकियों के प्रवाह को सुगम बनाया।
इस प्रकार भारतीय प्रवासी समुदाय का भारतीय सामाजिक, सांस्कृतिक तथा राजनीतिक विकास के साथ-साथ भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान है। यह भारतीय राजनीति का एक महत्वपूर्ण साधन है जो भारत को भविष्य में विश्व गुरु बनने के सपने को साकार करने में सहायता करेगा।