बैड बैंक क्या है? इसके स्थापना के कारणों तथा लाभों को बताईए?
बैंकिंग क्षेत्र को वित्तीय स्थिरता प्रदान करने के उद्देश्य बैड बैंक की स्थापना की जा रही है। बैड बैंक एक कारपोरेट संरचना है जो बैंकों के खराब परिसंपत्तियों को डिस्काउंट पर ले लेती है। बैड बैंकों की तरफ से इसके लिए विशेषज्ञ पेशेवरों की टीम काम करती है।
भारत में बैड बैंक की स्थापना निम्नलिखित कारणों से आवश्यक है:- महामारी के कारण जब आर्थिक स्थिति चुनौतीपूर्ण है तथा दिवाला और दिवालियापन दिवालिदान सहा संहिता को निलंबित कर दिया गया है तब संकटग्रस्त परिसंपत्तियों के लिए संभावित खरीदार ढूंढना एक महत्वपूर्ण चुनौती हो सकती है। दिवाला और दिवालियापन संहिता की धीमी प्रक्रिया के कारण। दिवाला और दिवालियापन संहिता के तहत लंबित ढेर सारे मामलों के कारण। बैड बैंक के आ जाने से बैंकों को प्रोविजनिंग से तत्काल राहत मिलेगी।
बैड बैंक से होने वाले लाभ:-बैंकों की बैलेंस शीट साफ होने पर उनमें निवेश बढ़ेगा। बैंक अधिक नए ऋणों का सृजन कर पाएंगे तथा अपनी लाभप्रदता में वृद्धि कर सकेंगे। बैंकों के शेयर कीमतों में वृद्धि होगी जिससे बैंकों का कुल वैल्यूएशन बढ़ेगा। बैंक अर्थव्यवस्था के अन्य उत्पादक क्षेत्रों में निवेश कर पाएंगे जिससे विकास और रोजगार में वृद्धि होगी। बैड बैंक, बैंकों की एनपीए समस्या का सीमित हद तक ही समाधान कर सकते हैं, व्यापक सुधार के लिए बैंकों को अपने परिचालन तथा ऋण प्रदान करने के मानदंडों में सुधार करने की आवश्यकता है।