November 15, 2024
पी. के. थुंगन समिति की सिफारिशें

पी. के. थुंगन समिति की सिफारिशें

Spread the love

पी. के. थुंगन समिति की सिफारिशें

वर्ष-1988 में थुंगन समिति भी पंचायती राज को संवैधानिक आधार देने का समर्थन किया, लेकिन थुंगन समिति के अनुसार, भारत में पंचायतों का संबंध सीधा संघ सरकार से होना चाहिए। अतः समिति ने पंचायती राज को राज्यों का विषय नहीं माना। थुंगन समिति की सिफारिशें निम्नलिखित हैं।

त्रिस्तरीय पंचायती राज को संवैधानिक आधार दिया जाए।

पंचायती राज में महिलाओं, SC / ST and OBCs को आरक्षण दिया जाए ।

प्रत्येक राज्य में राज्य वित्त आयोग की स्थापना की जाए।

एक नियोजन एवं समन्वय समिति ( Planning and Coordination Committee) का गठन किया जाए, जिसका अध्यक्ष राज्य नियोजन मंत्री हो तथा जिला परिषदों के अध्यक्ष इस समिति के सदस्य हों।

ग्राम पंचायतों को सीमित न्यायिक अधिकार प्रदान किया जाए।

ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 5 वर्ष हो, यद्यपि राज्यों की इच्छानुसार यह कम भी हो सकता है, लेकिन किसी भी दशा में यह 3 वर्ष से कम नहीं होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *