परमाणु ऊर्जा एक उभरता हुआ ऊर्जा स्रोत है। भारत में परमाणु ऊर्जा के विकास की आवश्यकता
परमाणु ऊर्जा वह ऊर्जा है जिसे नियंत्रित नाभिकीय अभिक्रिया से उत्पन्न किया जाता है। परमाणु के नाभिक में एक न्यूट्रॉन और प्रोटॉन होते हैं और इलेक्ट्रॉन परमाणु के नाभिक के चारों ओर घूमता है। सबसे लोकप्रिय परमाणु ईंधन यूरेनियम235, प्लूटोनियम-239, थोरियम आदि हैं। परमाणु विखंडन के लिए परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में यूरेनियम सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला ईंधन है।
भारत में परमाणु ऊर्जा के विकास की आवश्यकताः-
ऊर्जा सुरक्षा:- नाभिकीय ऊर्जा में वृहद पैमाने पर विद्युत उत्पादन की क्षमता है। अतः यह ऊर्जा सुरक्षा को प्राप्त करने के लिए काफी महत्वपूर्ण घटक है।
विद्युत की निरंतर आपूर्ति:- नाभिकीय संयंत्र सौर, पवन एवं जलविद्युत ऊर्जा स्रोतों के सामान क्रमशः सूर्य, पवन एवं जल की उपलब्धता पर निर्भर नहीं होते हैं। अतः यह निरंतर ऊर्जा उत्पादन कर सकता है।
पर्यावरण के अनुकूल:- परमाणु ऊर्जा पारंपरिक ऊर्जा संसाधनों के विपरीत जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने में सहायक है। जिससे ग्रीन हाउस गैसों का उत्पादन कम हो सकता है। जो की हमारे पर्यावरण के लिए अति आवश्यक है।
परमाणु तकनीक दोहरी तकनीक है जो दोधारी तलवार की भांति है। परमाणु ईंधन का विनाशकारी उद्देश्यों के साथ-साथ रचनात्मक अनुप्रयोग भी हैं। जैसे – बिजली उत्पादन, स्वास्थ्य, कृषि एवं खाद्य संरक्षण, उद्योग एवं अनुसंधान के क्षेत्र में उपयोग इसकी वास्तविक क्षमता को परिभाषित करता है।