पंचायती राज का ऐतिहासिक विकास
वर्ष-1870 में लॉर्ड मेयो ने भारत में स्थानीय शासन लागू करने की अनुशंसा की तथा लॉर्ड रिपन के कार्यकाल में पहली बार स्थानीय शासन बोर्ड की स्थापना हुई, जो स्थानीय शासन के विकास में एक महत्वपूर्ण संरचनात्मक उपलब्धि मानी गई। राष्ट्रीय आंदोलन में गांधीजी ने पंचायती राज को अत्यंत लोकप्रिय बना दिया। संविधान सभा में पंचायती राज व्यवस्था का समर्थन प्रसिद्ध गांधीवादी श्रीमन् नारायण अग्रवाल ने किया और इनके प्रयासों से पंचायती राज को संविधान के निदेशक तत्वों के भाग में सम्मिलित किया गया (अनुच्छेद-40 ) । यह उल्लेखनीय है कि स्वतंत्र भारत में जे. सी. कुमारप्पा ने गांधीवादी आदर्शों के आधार पर गांधीवादी अर्थव्यवस्था का समर्थन किया।
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