नातेदारी (Relation) क्या हैं ?
सामाजिक रूप से मान्यता प्राप्त ऐसे संबंधों को नातेदारी या स्वजनता कहा जाता है, जो रक्त, विवाह अथवा दत्तकता पर आधारित होते हैं। नातेदारी व्यवस्थाएँ माता-पिता और संतानों के बीच, सहोदरों (भाई-बहनों) के बीच तथा वैवाहिक दम्पतियों के बीच जैविकीय संबंधों के प्रतिरूप के अनुसार व्यक्तियों और समूहों के बीच संबंध स्थापित करते हैं।
सभी समाजों में परिवार और नातेदारी समूहों को परिभाषित करने तथा इन संबंधों को किस प्रकार संगठित किया जाएगा, इसके बारे में सामान्य मानदंड होते हैं। कौन व्यक्ति साथ-साथ रह सकते हैं, समूह का मुखिया कौन है, कौन किसके साथ विवाह कर सकता है, जीवन साथी का चुनाव कैसे होता है, परिवार और नातेदारी समूह में कौन से संबंधी अधिक महत्त्वपूर्ण हैं और बालकों का पालन पोषण कैसे और किसके द्वारा किया जाएगा आदि सभी विषयों के बारे में मानदंड होते हैं। इन मानदंडों के बारे में अलग-अलग समाजों में काफी भिन्नता है, फिर भी कुछ ऐसे सामान्य मानदंड होते हैं जो परिवार के सदस्यों की प्रस्थितियों और भूमिकाओं का निर्धारण करते हैं।