ध्यानाकर्षण प्रस्ताव
यह संसदीय प्रक्रिया भारतीय संसद की देन है, जिसमें किसी भी सार्वजनिक महत्व के मुद्दे एवं तात्कालिक मुद्दे पर किसी मंत्री का ध्यान आकर्षित किया जाता है। इस प्रस्ताव पर सामान्यतः मंत्री के बयान पर चर्चा नहीं होती, परंतु अंत में संबंधित मंत्री अपनी संक्षिप्त बयान देते हैं। भारतीय संसदीय इतिहास में वर्ष 1954 से ही यह प्रचलन में है। शून्य काल के विपरीत प्रक्रिया – नियमों में इसका उल्लेख है। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव राज्य सभा में पत्र के प्रस्ताव के रूप में जाना जाता है।