दल-बदल कानून के अनुसार लोकसभा सदस्यों का अयोग्यता
राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व कार्यकाल में 52वें संविधान संशोधन के द्वारा 10वीं अनुसूची संविधान में जोड़ा गया। संविधान के 10वीं अनुसूची में दल-बदल संबंधी विधि का उल्लेख है। यदि किसी भी सदस्य के विरुद्ध दल-बदल कानून के उल्लंघन का मामला प्रस्तुत होता है, तो अयोग्यता का निर्धारण लोक सभा के अध्यक्ष के द्वारा किया जाता है। वर्तमान में यह मांग की जा रही है कि अयोग्यता के निर्धारण का अधिकार निर्वाचन आयोग को सौंपा जाए, क्योंकि अध्यक्ष की भूमिका अत्यधिक विवादास्पद है।