जी. एस. टी. का अभिप्राय क्या हैं ?
जी. एस. टी. के अंतर्गत् वस्तु एवं सेवाओं पर कर अलग-अलग नहीं लगाए जाएंगे, बल्कि इनके लिए समान रुप में एक कर लगाया जाएगा। संघ के सभी अप्रत्यक्ष करों को संघीय जी. एस. टी. में विलय कर दिया गया है। राज्यों के सभी अप्रत्यक्ष करों को राज्य जी. एस. टी. में विलय कर दिया तथा विभिन्न राज्यों के बीच होने वाले व्यापार के लिए एकीकृत जी. एस. टी. का प्रावधान किया गया है। राज्य के अप्रत्यक्ष करों में पेट्रोलियम पदार्थों पर लागू होने वाले कर एवं शराब पर आरोपित कर को जी. एस. टी. से बाहर रखा गया है। क्योंकि राज्यों ने इन करों को जी. एस. टी. में शामिल करने का विरोध किया था। जी. एस. टी. की दर जी. एस. टी. परिषद् के द्वारा निर्धारित की जाएगी, जिसमें संघ सरकार के वित्त मंत्री एवं राज्यों के वित्त मंत्री सम्मिलित होंगे।