गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण का अधिकार
अनुच्छेद-22(1) के अनुसार, किसी व्यक्ति को कारण बताए बिना हिरासत में नहीं लिया जाएगा, न ही बंदीगृह में रखा जाएगा तथा उसे अपने पसंद के वकील से परामर्श करने का अधिकार होगा तथा हिरासत में लिए गए एवं बंदी बनाए गए व्यक्ति को 24 घंटे के अंदर नजदीकी मजिस्ट्रेट के न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें यात्रा का समय शामिल नहीं होगा। मजिस्ट्रेट की अनुमति के बाद ही उसे 24 घण्टे से ज्यादा समय के लिए बंदी बनाया जाएगा, (अनुच्छेद-22 (2))। यह सुविधा विदेशी शत्रु तथा निवारक निरोध के अंतर्गत् बंदी बनाए गए लोगों के लिए नहीं है, (अनुच्छेद-22(3))।