गलैडियोलस की खेती का वर्णन कीजिए विच्छेदित पुष्पों के सन्दर्भ में
गलैडियोलस की खेती:- गलैडियोलस एक उत्तम गुणवत्ता का शतक-कन्दीय पौधा होता है। यह विच्छेदित के लिए आदर्श होता है। इसके अलावा यह गमलों क्यारियों तथा वाडर्स के लिए उपयुक्त होता है।
वर्गीकरण एवं किस्में:- यह इरिडिएसी कुल का पौधा होता है। ये दो प्रकार की होती है- 1. बड़ी पुष्पीय तथा तितलिया एवं सूक्ष्म रूप ये बहुत ही चमत्कारी रंगों के होते हैं काला सफेद गुलाबी बैंगनी आदि । इनकी विभिन्न किस्में होती है यथा- बिस बिस चैरी, ब्लोसम, कोरनस, डोनाल्डबड़ डस्क फ्रेन्डशिप जैलिबार, हैराल्ड, हाई फैशन, जो बैगनियर आदि । –
कृषण क्रियाएँ : स्थति:- गलैडियोलस को मैदानी क्षेत्रों से लेकर 250 मी. उच्चांश तक उगा सकते हैं। इनके लिए सुविकसित मृदा होनी चाहिए तथा सूर्य का प्रकाश मिलना चाहिए।
भूमि की तैयारी एवं खाद:- मृदा की गहरी जुताई करके अच्छी प्रकार से भुरभरी मिट्टी कर लेनी चाहिए। भूमि की अन्तिम तैयारी के समय 5-6 किग्रा. खाद एवं पत्तियों की खाद 60 किग्रा, डालना चाहिए।
रोपण का समय:- मैदानी क्षेत्रों में लगाने का उपयुक्त समय सितम्बर तथा अक्टूबर होता है। पर्वतीय क्षेत्रों ● में मई तथा जून में रोपण कर सकते हैं। वर्ष के दूसरे समय जलवायु तथापरिस्थितियों के अनुसार पुष्प लेने के लिए रोपण करते हैं।
प्रवर्धन एवं रोपण विधि:- गलैडियोलस का समान्तर धनकदों के द्वारा वनस्पतिक प्रवर्धन हम कर सकते हैं। यद्यपि इसे बीजों द्वारा भी उगा सकते हैं परन्तु ● लैंगिक प्रवर्धन से विभिन्नताएँ उत्पन्न होती हैं। अतः बीजों का केवल प्रजनन के द्वारा ही करना चाहिए। घनकन्दों को रोपण से 24 घण्टे पहले जल में भिगोकर रख देते हैं। अच्छी पुष्षण प्राप्त करने के लिए 2-3 पुनरावृत्ति रोपण करने चाहिए। अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए 7-10 सेमी. व्यास के घनकन्द का रोपण करना चाहिए । घनकन्दों को 15-25 सेमी. नम बालू की दूरी पर रोपित करना चाहिए। तथा पंक्ति से पंक्ति की दूरी 30-45 सेमी रखते हैं। घनकन्दों को 3-5 सेमी गहरा रोपित करते हैं।
खाद एवं उर्वरक:- सामान्यतः गोबर की खाद एवं पत्तियों की खाद मध्यमान मात्रा में डालना चाहिए। अत्यधिक वनस्पति खाद डालने से वृद्धि होती है। नाइट्रोजन तथा फास्फोरस युक्त उर्वरकों को थोड़ी मात्रा में मिलाना चाहिए। ·
सिंचाई:- सामान्यतः प्रति सप्ताह सिंचाई करनी चाहिए। शीतकाल में दस दिन के अन्तराल से सिंचाई करनी चाहिए।