गन्ने की पेड़ी की फसल से अधिकतम उपज प्राप्त
किसी खेत में एक बार गन्ना उगा लेने के बाद उसकी बानक फसल से दूसरी बार गन्ने की पैदावार लेने गन्ने की पेड़ी कहलाता है। तथा प्रथम बार खेत में बोई गयी फसल Parent Crop कहते हैं । गन्ने की पेड़ी से अधिकतम उपज प्राप्त करने के लिए निम्न सस्य क्रिया को अपनाते हैं।
1. उपयुक्त प्रजाति का चुनाव:- पेड़ी के लिए बावक फसल की बुवाई हेतु क्षेत्र विशेष के लिए बावक फसल में अपनाई जाने वाली सस्य- क्रियाओं पर विशेष ध्यान देना आवश्यक होता है। बावक फसल की उचित वृद्धि एवं विकास के लिए उपयुक्त प्रजाति से CO- 1148, COS-8118, CO-1158 व CO-421 आदि प्रमुख है।
2. बावक फसल का कुशल सस्य – प्रबन्ध:- गन्ने की पेड़ी की फसल लेने के लिए बावक फसल में अपनाई जाने वाली सस्य- क्रियाओं पर विशेष ध्यान देना आवश्यक होता है। बावक फसल स्वस्थ एवं रोग की कीट रहित होने पर ही उससे पेड़ी की फसल लेना लाभदायक रहता है।
3. बावक फसल की कटाई:- गन्ने की पेड़ी लेने के लिए बावक फसल में मिट्टी चढ़ाने का कार्य किया गया है तो मेड़ों को बावक फसल की कटाई के उपरान्त सिंचाई के बाद गिरा देना चाहिए एवं खेत को समतल बना लेना चाहिए। धान की कटाई भूमि सतह से मिलाकर न करने पर उसमें पौधां के तना के अवशेष खेत में रह जाते हैं। तो हानि होती है।
4. बावक फसल के खेत की तैयारी:- यदि बावक फसल मे मिट्टी चढ़ाने का कार्य किया है तो मेढ़ों को बावक फसल कटने के उपरान्त सिंचाई के बाद गिरा देना चाहिए। खेत को समतल बना लेना चाहिए।
5. बावक फसल के अवशेषों की सफाई:- गन्ने की पेड़ी लेने के लिए खेत समतलीकरण के पश्चात् बावक फसल के पौधों की पत्तियों को खेत में फैलाकर इनमें आग लगाकर इसे नष्ट कर देना चाहिए जिससे खेत को बावक फसल के रोगों एवं कीटों से मुक्त रखा जा सकता है।
6. खाद एवं उर्वरक:- पेड़ों की फसल में N की मात्रा बावक फसल की तुलना मे लगभग 20% अधिक होती है। एक हेक्टेयर खेत में गन्ने की पेड़ी के लिए लगभग 180Kg. N2/Per है. खाद प्रयोग करनी चाहिए।
7. सिंचाई:- फसल की अवशेषों की सफाई एवं उन्हें जलाकर नष्ट करने की स्थिति में तुरन्त एक दिन के अन्दर सिंचाई करनी चाहिए। उसके पश्चात् 15-20 दिनों के अन्तराल पर आवश्यकतानुसार कुल इसे 6 सिंचाई करनी चाहिए।
8. मिट्टी चढ़ाना:- गन्ने की फसल की पेड़ों में मिट्टी चढ़ाने से बधाई का कार्य करते हैं।
9. फसल की सुरक्षा:- गन्ने के पेड़ों की फसल में लगने वाले रोग व कीट तथा उनके उपाय बावक फसल के समान ही होते हैं।
10. उपज:- गन्ने की पेड़ी की फसल लगभग अक्टूबर माह में पक कर तैयार हो जाती है। गन्ने की पेड़ी की फसल की 600 से 700 कु. है. तक उपज प्राप्त हो जाती है तथा इससे शर्करा % फसल बावक फसल की तुलना अधिक होती है।