क्रीमी लेयर या मलाईदार परत (Creamy Layer) की पहचान
उच्चतम न्यायालय ने मंडलवाद के निर्णय में यह कहा कि पिछड़े वर्गों की सूची का निर्माण करने और पिछड़े वर्गों को आरक्षण की सीमा से बाहर रखने के लिए एक स्थाई सांविधिक संस्था का निर्माण किया जाए, साथ ही यह संस्था क्रीमी लेयर की सीमा का निर्धारण भी करे तथा नॉन-क्रीमी लेयर की सीमा में आने वाले लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। इसके फलस्वरूप पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन भी किया गया, जिसकी सलाह के बाद संघ सरकार के द्वारा क्रीमी लेयर का निर्धारण किया जाता है।