कैग की सेवा शर्तें
संविधान की तीसरी अनुसूची में नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षण के वेतन का उल्लेख किया गया है। 7वें वेतन आयोग के अनुसार वर्ष 2018 में उसका वेतन बढ़ाकर 2 लाख 50 हजार प्रतिमाह कर दिया गया है, जो समय-समय पर संसद के द्वारा निर्धारित किया जा सकता है। नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षण का वेतन भी उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन के समान होता है।
नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षण तथा उसके सभी प्रशासनिक खर्चों, जिसमें सभी प्रकार के वेतन व भत्ते और पेंशन शामिल होंगे। भारत की संचित निधि पर भारित होगा, जिसका उल्लेख अनुच्छेद-148 में किया गया है। संसद द्वारा नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षण की सेवा शर्तों से संबंधित विधि का निर्माण वर्ष- 1971 में किया गया। जिसके अनुसार नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षण के वेतन व भत्तों का निधारण किया गया है। संसदीय विधि के अनुसार भी वर्ष – 1976 से नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षण को लेखांकन के कार्य से मुक्त कर दिया गया है।