उद्दान विज्ञान के महत्वपूर्ण स्मरणीय तथ्य
- प्लानिंग कमीशन के द्वारा भारत को 15 कृषि जलवायुविक क्षेत्रों (Agro-Climatic Zones) में बाँटा गया हैं |
- नेशनल ब्यूरो ऑफ स्वायल सर्वे एण्ड लैण्ड यूज प्लानिंग के द्वारा भारत को 21 कृषि परिस्थितकी क्षेत्रों (Agro-Ecological Zones) में बाँटागया हैं |
- कुल कृषित क्षेत्र (Total Cultivable Land) में सब्जी क्षेत्र की भागीदारी हैं : लगभग 2.8%.
- मटर के कुल उत्पादन में भारत का प्रथम स्थान हैं
- भिण्डी के कुल उत्पादन में भारत का प्रथम स्थान हैं
- भारत में प्याज का मुख्य आयातित देश मलेशिया हैं
- भारत में पशिचम बंगाल सर्वाधिक शकोत्पदन करने वाला राज्य हैं
- चीन और रूस फेडरेशन के बाद भारत का आलू उत्पादन में तृतीय स्थान हैं
- भारत में आलू उत्पादन में उत्तर प्रदेश राज्य का प्रथम स्थान हैं इसके बाद द्वितीय स्थान पश्चिम बंगाल का हैं
- बिहार भिण्डी की सर्वाधिक उत्पादकता वाला राज्य हैं |
- भारत में उत्पादन एवं क्षेत्रफल की दृष्टी से सब्जी वाली फलों में आलू अग्रणी हैं
- बेंगन की सर्वाधिक उत्पादकता वाले राज्य असम है
- टमाटर एवं प्याज की सर्वाधिक उत्पादकता वाला देश हैं यूनाईटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका (USA)
- आलू की सर्वाधिक उत्पादकता वाला देश हैं : नीदरलैण्ड
- बेंगान की उत्पादकता में जापान की प्रथम स्थान हैं
- फूलगोभी की उत्पादकता में जर्मनी का प्रथम स्थान हैं
- पातगोभी की उत्पादकता में कोरिया रिपब्लिक का प्रथम स्थान हैं
- सब्जियाँ ‘प्राकृतिक रक्षक आहार’ (Natural Protective Foods) के नाम से जानी जाती हैं क्योंकि ये प्रोटीन्स, विटामिन्स, कार्बोहाइड्रेट, उर्जा तथा खनिज प्रदान करती हैं
- सब्जियाँ जैसे- टमाटर, गाजर, शलजम, चुकन्दर, कद्दू, पातगोभी, शकरकन्द, हरी प्याज, मैंथी आदि विटामिन A की प्रमुख श्रोत हैं
- सब्जियाँ जैसे- पलक, मैंथी, हरी मिर्च, फूलगोभी, पातगोभी, करेला, टमाटर, में विटामिन C पर्याप्त मात्रा में पायी जाती हैं
- हरी चौलाई, सलाद, गाजर, प्याज, पातगोभी, विटामिन B की अच्छी श्रोत हैं इनमे विटामिन A भी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता हैं
- हरी पत्तेदार सब्जियाँ (Green Leafy Vegetables) विटामिन K तथा नायसिन की अच्छी श्रोत हैं
- मटर एवं सेम वाली सब्जियाँ (Peas And Beans) प्रयाप्त मात्रा में प्रोटीन्स (Proteins) प्रदान करती हैं
- आलू, शकरकन्द, रतालू, कसावा, से कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates) प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता हैं
- कैल्शियम प्रदान करने वाली सब्जियाँ हैं : टमाटर, मटर, सेम, करेला, पातगोभी, मैथी, चौलाई, प्याज, सलाद, पालक, गाजर
- लौहा(Iron) प्रदान करने वाली सब्जियाँ हैं : जागर, प्याज, मटर, टमाटर, सेम करेला, पताघोभी, पालक, चौलाई
- फोस्फोरस (Phosphorus) प्रदान करने वाली सब्जियाँ हैं : आलू, टमाटर, सलाद, पालक, गाजर, खीरा, फूलगोभी
- आयोडीन (Iodine) प्रदान करने वाली सब्जियाँ हैं : समर स्कवेश, प्याज, भिण्डी, सतावर इत्यादि
- सेलरी (Celery) में ‘3-n-ब्यूटाइल एलडीहाइड’ नामक पदार्थ पाया जाता हैं, जो हाइपरटेन्सन से ग्रसित लोगों के लिए प्रभावी होता हैं
- प्याज में ‘डाइ फिनाइल एमिन’ तथा करेला में ‘कराटीन’ (Carotin) पाया अजता हैं , जो डायबिटीज रोग के प्रति प्रभावी हैं
- तैरती हुई शाक वाटीकाये केवल कश्मीर में पायी जाती हैं
- स्नोवल-16 फूलगोभी की पछेती किस्म हैं
- फूलगोभी की पछेती किस्मों के बीज केवल पहाड़ो पर पैदा होते हैं
- पातगोभी का सर्वाधिक उत्पादन पश्चिम बंगाल में होता हैं
- प्याज में गंध ‘एलाइट प्रोपिल डाई सल्फाइड’ के कारन पौदा होती हैं
- ‘एग्री फाउंड व्हाइट’ लहसुन की किस्म हैं
- आलू में कन्द बनते सयम छोटे प्रकाश अवधि की आवश्यकता होती हैं
- अरबी के कन्दों तथा पत्तियों में ‘कैल्शियम ओक्जलेट क्रिस्टल्स’ पाया जाता हैं
- बेंगन की किस्म ‘पूसा क्रान्ति’ जैसिड प्रतिरोधी हैं
- बेंगन का क्लेदगलन (Damping Off) रोग रोपणी (नर्सरी) में लगता हैं
- टमाटर के साथ गेंदा उगने से निमातोड की समस्या कम होती हैं
- कैटफेस (Caftace) की समस्या टमाटर में होती हैं
- भारत मिर्च का सबसे बड़ा निर्यातक देश हैं
- मिर्च में ‘ओलेयोरेसिन’ नामक पदार्थ पाया जाता हैं
- ‘हिमांगी’ खीरा की नव विकसित किस्म हैं
- ‘आजाद हरित’ लौकी की मुरझान प्रतिरोधी किस्म हैं
- लोबिया की ‘नरेन्द्र लोबिया-1’ गर्मी व वर्षा दोनों ऋतुओं में बुआई हेतु उपयुक्त हैं
- करेला की ‘एम० डी० यू०-1’ (M.D.U.1) किस्म, उत्परिवर्तन से प्राप्त हुई हैं
- मटर की किस्म ‘अर्का अजीत’ चूर्णी फफूँदी तथा रस्ट प्रतिरोधी हैं
- ग्वार के बीजों से गोंद तैयार किया जाता हैं
- फ्रेंचबीन के सूखे दानों को ‘राजमा’ कहते हैं
- ‘पूसा हिमलता’ फ्रेंचबीन की अगेती किस्म है
- ‘अर्का कोमल’ फ्रेंच बीन की झाड़ीनुमा किस्म है
- ‘शरद बहार’ ग्वार की किस्म हैं
- ‘पूसा पार्वती’ फ्रेंचबीन की एक म्यूटेन्ट प्रजाति हैं
- आलू में ‘ब्लैक लैग’(Black Leg) नामक रोग जीवाणु (बेक्टीरिया) द्वारा लगता हैं
- घिया तोरई (Spong Gourd) एक पर-परागित (Cross-Pollinated) फसल हैं
- किंकिल ऑफ़ पोटैटो (Cinkle of Potato) नामक रोग वायरस (Virus) द्वारा लगता हैं
- ‘वैशाली वधु’ भिण्डी की एक किस्म हैं
- टमाटर की ‘मारग्लोब’ एवं ‘पंजाब छुआरा’ फ्यूजेरियम विल्ट रोग की अवरोधी (Resistant) प्रजातियाँ हैं
- बेंगन की ‘ब्लैक ब्यूटी’, ‘बनारस जाईन्ट’ एवं ‘विजया’ प्रजातियाँ रूट नाट निमैटोड (Root Knot Nematodes) रोग के प्रति अवरोधी हैं
- बेंगन की ‘हिसार सेलेक्सन-1-4’ एवं ‘अर्का शिरिश’ प्रजातियाँ इपीलेक्ना बीटिल (Epilachna Beetle) कीट के प्रति अवरोधी हैं
- आलू, चुकन्दर एवं टमाटर में ’साइट्रिक अम्ल’ पाया जाता हैं
- भारत में गाजर की ‘जेनो’ (Zeno) प्रजाती का आगमन जर्मनी से हुआ | यह निलगीरी की पहाड़ियों के लये उपयुक्त हैं
- गाजर की ‘अर्का निशान्त’ किस्म गेरुई (Rust) रोग के प्रति अवरोधी हैं
- गाजर, सेलरी एवं सलाद में ‘मौलिक अम्ल’ की बहुलता होती हैं
- कद्दू वर्गीय समूह (Cucurrbits) की सब्जियों में अभी तक सर्वाधिक प्रजातियाँ विकसित हुई हैं
- भारत में अन्य सब्जी फसलों की अपेक्षा बेंगन की सर्वाधिक प्रजातियाँ विकसित हुई हैं
- गर्मी मौसम में उगाई जाने वाली अधिकांश सब्जियों का खाने वाला भाग फल (Fruit) हैं
- टमाटर की ‘हिसार अनमोल’, ‘हिसार गौरव’ एवं एच-24’ किस्में लीफ कर्ल वायरस (Leaf Curl Virus) रोग के प्रति अवरोधी हैं
- टमाटर की ‘पन्त बहार’ फ्यूजेरियम विल्ट (Fusarium Wilt) एवं वर्टिसिलियम विल्ट (Verticilium Wilt) के प्रतिरोघी किस्म हैं
- बेंगन की ‘अन्नामलाई’ किस्म महूँ (Aphid) कीट के प्रति अवरोधी हैं
- बेंगन की ‘पूसा अनुपम’, ‘पन्त सम्राट’ एवं ‘पन्त रितुराज’ जीवाणु उकठा (Bacterial Wilt) रोग के प्रति अवरोधी हैं
- ‘मिलन’ एवं ‘मधु’ तरबूज की तथा ‘स्वर्ण’ खरबूज को संकर प्रजातियाँ हैं जो इन्डो अमेरिकन हाइब्रिड सीड्स कम्पनी द्वारा विकसित की गयी हैं
- ‘वर्षा आहार’ भिण्डी की किस्म हैं जबकि ‘पन्तउपहार’ सब्जी मटर, ‘स्वर्ण उपहार’ झींगा तोरई तथा ‘पूसा उपहार’ टमाटर की किस्म हैं
- ‘हरित’ लौकी की किस्म हैं, जबकि ‘अर्का हरित’ करेला तथा ‘पूसा हरित’ पलक की किस्म हैं
- ‘पूसा कोमल’ लोबिया की किस्म हैं, जबकि ‘पंजाब कोमल’ लौकी तथा ‘अर्का कोमल फ्रेंचबीन की किस्म हैं
- ‘अर्का ज्योति’ तरबूज की किस्म हैं, जबकि ‘पूसा ज्योति’ पलक की किस्म हैं
- ‘शीतल’ खीरा की किस्म हैं, जबकि ‘पूसा शीतल’ तथा ‘अर्का शीतल’ ककड़ी की किस्म हैं
- ‘पूसा स्वाती’ मुली की किस्म हैं, जबकि ‘स्वाती’ लौकी की किस्म हैं
- ‘रितुराज’ लोबिया की किस्म हैं, जबकि ‘पन्त रितुराज’ बेंगन की किस्म हैं
- ‘पूसा ज्योति’ पालक’ की किस्म हैं जबकि ‘आन्ध्रा ज्योति’ मिर्ची की किस्म हैं
- ‘पूसा नवीन’ लौकी, की किस्म हैं, जबकि ‘नवीन’ संकर टमाटर की किस्म हैं
- ‘अर्का बहार लौकी की किस्म है, जबकि ‘पन्त बहार’ एक टमाटर की किस्म हैं
- ‘पूसा सुप्रिया’ लौकी की किस्म हैं, जबकि ‘प्रिया’ एक करेला की किस्म हैं
- ‘पूसा गौरव’ टमाटर की किस्म हैं, जबकि ‘अर्का गौरव’ कैप्सिकम की किस्म हैं
- ‘हिसार अनमोल’ टमाटर की किस्म हैं, जबकि ‘पूसा अनमोल’ बेंगन की किस्म हैं
- ‘पूसा बिंदु’ बेंगन की किस्म हैं जबकि अर्का बिन्दु प्याज की किस्म हैं
- ‘पूसा रेड’ प्याज की किस्म हैं जबकि ‘पूसा लाल’ एक शकरकन्द की किस्म हैं
- ‘दीपाली’ डोलीचस बीन की किस्म हैं जबकि ‘पूसा दीपाली’ फूलगोभी की किस्म हैं
- ‘पूसा प्रगति’ सब्जी मटर की किस्म हैं जबकि ‘अर्का प्रगति’ एक प्याज की किस्म हैं
- ‘सुरेखा’ झींगा तोरे की किस्म हैं, जबकि ‘फुले सुरेखा’ फ्रेंचबीन तथा ‘स्वर्ण रेखा’ परवल की किस्म हैं
- ‘सम्राट’ शकरकन्द की किस्म हैं, जह्की ‘पन्त सम्राट’ एक बेंगन की किस्म हैं
- ‘अर्का विकास’ टमाटर की किस्म हैं, जबकि ‘पूसा विकास’ एक दद्दू की किस्म हैं
- ‘आज़ाद क्रान्ति’ बेंगन व भिण्डी की किस्म हैं, जबकि ‘पूसा क्रान्ति’ बेंगन तथा ‘परभनी क्रान्ति’ भिण्डी की किस्म हैं
- ‘अमृत’ तरबूज की, जबकि नरेंद्र ‘अमृत’ कद्दू की किस्म हैं
- ‘पूसा सदाबहार’ मिर्च, टमाटर एवं ग्वार की किस्म हैं, जबकि ‘पंजाब सदाबहार’ झींगा तोरई की किस्म है
- ‘पूसा अगेती’ पातगोभी की किस्म हैं, जबकि ‘पूसा चेतकी’ मुली तथा ‘पूसा कतिकी’ फूलगोभी की किस्म हैं
- ‘ब्लैक ब्यूटी’ बेंगन की किस्म हैं, जबकि ‘अमेरिकन ब्यूटी’ गाजर की किस्म हैं
- ‘पूसा कंचन’ शलजम की किस्म है, जबकि ‘पालम कंचन’ ब्रोकली की एक किस्म हैं
- ‘पूसा अनुपम’ बेंगन की किस्म है, जबकि ‘पन्त अनुपम’ एक फ्रेंचबीन की किस्म हैं
- ‘पूसा शुभ्रा’ एवं ‘पन्त शुभ्रा’ फूलगोभी की प्रजातियाँ हैं
- ‘पूसा सम्बन्ध’ पातगोभी की एक सिन्थेटिक प्रजाति हैं
- सन 1971 में सर्वप्रथम लौकी की F1 हाइब्रिड ‘पूसा मेघदूत’ किस्म का विकास IARI, नई दिल्ली से किया गया है
- सन 1973 में समर स्कवेश (Summer Squash) की F1 हाइब्रिड ‘पूसा अलंकार’ तथा इसके बाद खीरा की F1 हाइब्रिड ‘पूसा संयोग’ किस्म विकसित की गयी | ये किस्में IARI के रीजनल स्टेशन कत्रेन से निकली गई हैं
- सन 1981 में IIHR, बेंगलोर द्वारा पहली बार बेंगन की F1 हाइब्रिड ‘अर्का नवनीत’ किस्म खेती के लिए विकसित की गयी हैं
- सब्जियों में कुछ ‘विषाक्त पदार्थ (Toxic Substances) भी पाये जाते हैं, इस प्रकार हैं :
- कद्दू : कोलीन इस्ट्रेज (Choline Estrase)
- कद्दू वर्गीय सब्जियाँ : कुकुरबिटेसिन्स (Cucurbitacins)
- सेलेरी : एपीन (Apiin)
- रतालू : डायोस्कोरीन (Dioscorine)
- घुइयाँ, जिमीकन्द : कैल्शियम ओक्जेलेट्स क्रिस्टल्स (Calcium Oxalates Crystals)
- मटर एवं सेम : फाइटिक अम्ल (Phytic Acid), एन्टी विटामिन ई फेक्टर (Anti-Vitamin E-Factor),
ट्रिप्सिन इन्हिबिटर (Trypsin Inhibitor) - तरबूज : सेरोटोनिन (Serotonin)
- चौलाई : ओक्जेलिक अम्ल (Oxalic Acid)
- बेंगन : सोलासोडीन (Solasodine)
- फ्रेंचबीन : हीमाग्लूटाइन (Haemaglutine)
- आलू : सोलानाइन (Solanine), सोला निन (Solanin), केकोनाइन(Chaconine)
- पालक, टमाटर, सतावर : सेपोनाइन (Saponine)