अध्यादेश जारी करने की शक्ति
अध्यादेश, विधि का पर्याय है। अध्यादेश राष्ट्रपति अथवा राज्यपाल (अनुच्छेद-123 एवं 213) के द्वारा ही जारी किया जाता है। राष्ट्रपति संघ सूची और समवर्ती सूची से संबंधित विषयों पर अध्यादेश जारी करते हैं। यदि किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन हो अथवा राष्ट्रीय आपातकाल लगा हो, तो राष्ट्रपति राज्य सूची पर भी अध्यादेश जारी कर सकते हैं। भारतीय संविधान में अध्यादेश का प्रावधान भारत शासन अधिनियम, 1935 से लिया गया है। ऐसी शक्ति संसार में किसी भी राष्ट्राध्यक्ष को प्राप्त नहीं है। अनुच्छेद- 123 के अनुसार, अध्यादेश जारी करने की निम्नलिखित परिस्थितियां होती हैं।
यदि राष्ट्रपति को ऐसा प्रतीत हो कि विधि के निर्माण की तत्काल आवश्यकता है।
सरकार के समक्ष आकस्मिक परिस्थिति विद्यमान हों।
संसद के दोनों सदन अथवा एक सदन सत्र में न हों।
संविधान में यह उल्लिखित है कि अध्यादेश जारी करने के बाद संसद की अगली बैठक से 6 सप्ताह की अध्यादेश स्वतः समाप्त हो जाएगा अथवा राष्ट्रपति इसे कभी भी अवधि के अंदर यदि संसद इसे अनुमोदित न करे, वापस ले सकता है।