अतित के अध्ययन हेतु काल बिभाजन
1. प्रागैतिहासिक काल:- जीस काल का मानव किसी प्रकार की लिपि अथवा लेखन कला से परिचित नहीं था। मानव उत्पत्ति से लेकर लगभग 3000 ई पू के बीच का समय इसके अंतर्गत अत हैं। पाषाण एव ताम्र पाषाण कल का अध्ययन ईसई के के अंतर्गत किया जाता हैं।
2. अधैतिखासिक काल:- जिस काल का मानव किसी ना किसी प्रकार की लिपि से परिचित था लेकिन लिपि अभी तक पढ़ी नहीं गई हैं. हड़प्पा सभ्यता एव वैदिक सभ्यता का अध्ययन ईसई के अंतर्गत किया जाता हैं।
3. एतिहासिक काल:- जिस कल का मानव किसी ना किसी प्रकार की लिपि से परिचित था और वह लिपि पढ़ी जा चुकी हैं अर्थात मानव के जिन क्रिया कलापों का हमे लिखित विवरण प्राप्त होता हैं ओर वह विवरण पढ़ा जा चुका हैं उसे हम इतिहास कहते हैं। 5 वी सताब्दी ई. पू. से लेकर वर्तमान तक का अध्ययन ईसी के अंतर्गत किया जाता हैं।