लुसर्न की फसल की उन्नतिशील खेती का वर्णन कीजिए
1.आर्थिक महत्त्व:-लुसर्न की फसल मुख्य रूप से पशुओं के चारे के लिए पौष्टिक चारे के उगते हैं। इसमें प्रोटीन 18-22% वसा, 3% कार्बोहाइड्रेट्स 40% खनिज लवण, 12% तथा विटामिन व अन्य पोषक पाये जाते हैं। जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम व फास्फोरस पाये जाते हैं। पशुओं के लिए प्रोटीन एवं पोषक तत्त्वों की पूर्ति वाला यह उत्तम चारा है। लुसर्न फलीदार फसल होने के कारण भूमि में नाइट्रोजन संचित करती है। तथा उर्वरता बनाती है।
2.भौगोलिक वितरण:- लहसुन की फसल उगाई गयी अधिक सहन क्षमता के कारण चोर के रूप में अनेक पश्चिमी देशों में उगायी जाती है। वर्तमान समय में इसकी खेती अमेरिका, रूस, आस्ट्रेलिया, भारत व फ्रांस देश में उगायी जाती है।
3.वानस्पतिक विवरण:- लसुर्न का वानस्पतिक नाम Medicago Sativa है। लैग्यूमिनोसी कुल का है। यह एक वर्षीय पौधा है जिसकी ऊँचाई 70 से 120 सेमी तक होती है तथा गहरी मूसला जड़ होने के कारण यह भूमि में गहराई से भी जलावशोषण द्वारा कर लेती है। इसकी पत्तियाँ तीन पत्तो वाली होती है।
4.जलवायु:- लसुर्न की खेती विभिन्न प्रकार की जलवायु में कर सकते हैं इसके लिए शुष्क एवं गर्मजलवायु अनुकूल होती है। इस कारण इसकी जड़े भूमि की गहराई तक जाकर नमी का शोषण करने की क्षमता रखती है। 5°C तक ठण्डा एवं 49°C तक गर्म तापमान को सहन कर लेती है।
5.मृदा एवं इसकी तैयारी:- लुसर्न की फसल के लिए उदासीन दोमट मिट्टी सर्वोत्तम होती है। मृदा का उपयुक्त PH 6.5 से 7.5 तक होता है। अम्लीय व जलमण्डल मृदा इसके लिए हानिकारक होती है। बुवाई के समय मिट्टी को कोमल बना लेते हैं।
6.सिंचाई:- अंकुरण के 15 दिन बाद सिंचाई करनी चाहिए। ग्रीष्मकाल में तापमान बढ़ने पर 10 से 12 दिनों के अन्तराल पर सिंचाई करनी चाहिए। कुल सिंचाई 18-20 सिंचाई करनी चाहिए। यह फसल बरसीम की तुलना में सूखे के प्रति भी अधिक सहनशील होती है।
7.फसल सुरक्षा:- बहुवर्षीय फसल होने के कारण लुसर्न दो बार खरपतवारों से बचाव के लिए निराई-गुड़ाई करनी चाहिए। खरपतवारनाशी का प्रयोग करना चाहिए।
8.कटाई एवं उपज:- लुसर्न की अक्टूबर माह में बोई गयी फसल बुवाई के लगभग 50 दिनों के पश्चात् प्रत्येक माह में एक कटाई करनी चाहिए। कुल एक वर्ष में 7-8 कटाइयाँ की जा सकती हैं। बीज के लिए बोई गयी लुसर्न की फसल की फरवरी माह के बाद चारे की कटाई बन्द कर देनी चाहिए।
9.उत्पादन:- एक हेक्टेयर खेत में लुसर्न का लगभग 600 से 700 कुं. हरा चारा प्राप्त कर सकते हैं। इतना ही बीज भी उत्पादन होता है।
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